यूपी : गौशाला में भूख से तड़प कर दम तोड़ रही है योगी जी की नंदी

लेकिन निकालने वाला कोई नहीं है। गौशालाओं और उनकी व्यवस्थाओं को लेकर रालोद विधायक ने भी इस मुद्दे को विधानसभा में उठाकर सवाल खड़े कर दिए हैं

बागपत : सीएम योगी का गौ प्रेम जगजाहिर है वो कितना प्यार करते है नंदी से लेकिन उसके बावजूद वहीं नंदी भुखमरी की शिकार हो रही है और तील-तील कर मरने को मजबूर हो रही हैं,ना खाने का इंतजाम है और ना रखने का लिजाहा सैकड़ों गाय मरने को मजबूर हैं हां गौशाला के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए के जमीनों का वारा न्यारा जरुर हो रहा है गौशाला संचालक मलाई काट रहे हैं और गौ माता दम तोड़ रही है —सवाल यही है जब सीएम योगी के ड्रीम प्रोजक्ट का ये हाल है तो दूसरे योजनाओं में कितनी लूट मची होगी इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं ।

पूरी गोशाला एक कीचड़ में तब्दील

बागपत की जिस गोशाला का निरीक्षण स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया, वही गौशाला आज गायों के लिए एक जेल बन गई है। गायों के पालन पोषण के लिए बनाई गई गौशाला आज उनके लिए मौत का सबब बनी हुई है। पूरी गोशाला एक कीचड़ में तब्दील हो गई है जिस कारण वहां पर मौजूद गाय को अपनी जान बचानी भारी हो रही है। तस्वीरों में आप देख सकते हैं गौशाला के अंदर भरे कीचड़ में एक गाय किस तरह से फसी हुई है। लेकिन निकालने वाला कोई नहीं है। गौशालाओं और उनकी व्यवस्थाओं को लेकर रालोद विधायक ने भी इस मुद्दे को विधानसभा में उठाकर सवाल खड़े कर दिए हैं

गौशाला की व्यवस्था सुचारू रूप से सही नहीं की गई

लेकिन जांच के नाम पर मामले को रफा दफा कर दिया गया और आज भी गौ माता दम तोड़ रही हैं और प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है ,बने भी क्यों ना उनकी जेब पहले से ही भरी हुई है तो गौ माता को बचाने की जहमत क्यों उठाए —बागपत की सुरूर पुर कला गांव की गौशाला की एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है जिसमें गाय कीचड़ में फंसी हुई है वायरल वीडियो को देख लोग तरह-तरह के सवाल कर रहे हैं । सरूरपुर कला गांव की गौशाला में कई बार केंद्र सहित प्रदेश मंत्री भी आ चुके हैं, लेकिन आज तक भी गौशाला की व्यवस्था सुचारू रूप से सही नहीं की गई है।

एक तरफ जहां प्रदेश सरकार लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर गोवंश के लिए अनेकों योजनाएं चला रही है लेकिन इस ओर जनपद के अधिकारी ध्यान देने को तैयार नहीं है।अब जब हंगामा मचा है तो प्रधान के पति सफाई दे रहे है तो दूसरी तरफ दूसरे संगठन के नेता और ग्रामीण ऐसे संस्था पर सवाल उठा रहे हैं जो गायों को मरने के लिए छोड़ दिए.

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