राष्ट्रीय लोक अदालत ने 25 बिछड़े जोड़ों फिर मिला कर साथ-साथ घर भेजा

आजमगढ़ के दीवानी न्यायालय में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसमें सिविल, राजस्व, पारिवारिक, छोटे फौजदारी के मामलों समेत 60 हजार मुकदमे लगाए गए थे।

आजमगढ़ के दीवानी न्यायालय में आज राष्ट्रीय लोक अदालत (National Lok Adalat) का आयोजन किया गया जिसमें सिविल, राजस्व, पारिवारिक, छोटे फौजदारी के मामलों समेत 60 हजार मुकदमे लगाए गए थे। राष्ट्रीय लोक अदालत (National Lok Adalat)  में जिला जज ने जानकारी दी कि देर शाम 45 हजार तक मामले निस्तारण की तरफ थे। ज्यादातर मामले बैंक के लोन संबंधित थे।

30 जोड़ों ने फ़िर से एक साथ रहने का लिया फैसला

सबसे खास बात थी कि परिवारिक न्यायालय के सफल संचालन से 30 जोड़ों ने फ़िर से एक साथ रहने का फैसला लिया। परिवारिक न्यायालय के जज लालता प्रसाद ने जानकारी दी अलग अलग कारणों से पति पत्नी में अलगाव था जिनको बातचीत और समझौतों के बाद आपसी सहमति से सुलह कराई गई।

उन्होंने बताया कि मुख्य उद्देश्य यह होता है कि आने वाली पीढ़ी पर अलगाव की छाया हटा कर उन्हें इस प्रकार बड़ा किया जाए ताकि वह राष्ट्र की उन्नति की ओर उन्मुख हो सकें। सफल परिवार से ही सफल समाज बनता है और इससे राष्ट्र भी मजबूत व विकसित होता है।

बैंक ऋण के मामले में सरकारी योजनाओं का लाभ

कुल मिला कर छोटे मोटे विवादों के चलते दो बिछड़े जोड़ों को फिर से मिलाना पारिवारिक न्यायालय का उद्देश्य है जिसमें वह सफल रहा जो कुछ मामले रह गए उन्हें भी आने वाले अप्रैल माह के राष्ट्रीय लोक अदालत में दूर कर लेंगे।

आज सभी साथ रहने को राजी रहने वाले जोड़ों से लिखित सुलहनामा भी कराया गया है। जिला जज दिनेश चंद्र ने कहा कि लोक अदालत के जरिए हम मामलों को शीघ्र निस्तारित करने का प्रयास करते हैं और वही बैंक ऋण के मामले में सरकारी योजनाओं का लाभ देते हुए ब्याज की माफी और ऋण में कुछ छूट देकर लोगों को लाभ पहुंचाते हुए मामलों का निस्तारण किया जा रहा है।

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