Uttarakhand Election 2022: मायापुरी  किसी को सत्ता नवाजी तो किसी को वनवास जाने पूरी कहानी

सत्ता नवाजी तो किसी को लंबे वनवास पर भेजा। जनसंघ को कांग्रेस ने धर्मनगरी में कभी पनपने नहीं दिया राजनीति का यह वनवास पक्ष ने भी भोगा और विपक्ष ने भी।

हरिद्वार: उत्तराखंड प्रदेश में हरिद्वार अर्थात हरि का द्वार है। हरि याने भगवान विष्णु। हरिद्वार नगरी को भगवान श्रीहरि बद्रीनाथ का द्वार माना जाता है, जो गंगा के तट पर स्थित है। महामाया की नगरी पंचपुरी हिसाब-किताब सबका रखती है। आजादी के बाद इसने किसी को सत्ता नवाजी तो किसी को लंबे वनवास पर भेजा। जनसंघ को कांग्रेस ने धर्मनगरी में कभी पनपने नहीं दिया राजनीति का यह वनवास पक्ष ने भी भोगा और विपक्ष ने भी।

यह जरूर है कि कांग्रेस का वनवास कुछ ज्यादा ही लंबा हो गया। वह ऐसी जमीं कि हिलाए न हिली। लंबा इतिहास बदलने और बरकरार रखने की जंग आज भी चल रही है। आजादी के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा की सीटें कहीं बिजनौर तक फैली थी तो कहीं देहरादून और परवादून तक थी।

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हरिद्वार, लक्सर और रुड़की  सीटें बनाई गई थी

1985 में हरिद्वार के तहसील बनने और 1988 में जिला बनने पर विधानसभा की तीन और लोकसभा की एक सीट हो गई। ये सीटें हरिद्वार, लक्सर और रुड़की के नाम से बनाई गई थी। उत्तराखंड बनने के बाद नया परिसीमन हुआ। सीटों की संख्या बढ़कर 11 हो गई। आजादी के बाद 1985 तक अधिकतर कांग्रेस पार्टी का एक क्षत्र राज रहा।

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