Health Tips: रात में सोने से पहले न करें ये काम, हो सकते हैं इस भयंकर बीमारी के शिकार

Health Tips: जब आप सोना शुरू करते हैं तो उस अवस्था को नॉन-आरईएम स्लीप कहते हैं और आप अपना ज्यादातर खाली समय इसी में बिताते हैं।

जब आप सोना शुरू करते हैं तो उस अवस्था को नॉन-आरईएम स्लीप कहते हैं और आप अपना ज्यादातर खाली समय इसी में बिताते हैं। पहले हल्की नींद की N1 अवस्था और फिर गहरी N3 अवस्था आती है। इस दौरान आपका दिमाग धीरे-धीरे बाहरी दुनिया के प्रति कम संवेदनशील हो जाता है और जागना मुश्किल हो जाता है।

आपके अधिकांश विचार और शरीर के कार्य सुस्त हो जाते हैं। आप अपनी आधी से अधिक नींद N2 चरण में बिताते हैं, जहां वैज्ञानिकों के अनुसार, आप दीर्घकालिक यादों को मिटाने का काम करते हैं।

रात में जब आप सारे काम निपटा कर बेड पर सोने के‍ लिए आते हैं तो अपने फोन को लेकर उसे चेक करते हैं और देखते हैं कि आज क्‍या खास है। लेकिन इससे आपकी आंखों की रोशनी पर प्रभाव पड़ता है क्‍योंकि मेलाटोनिन नाम के हारमोन के उत्‍पादन पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ता है।

फोन से निकलने वाली रोशनी से आंखों का रेटिना प्रभावित होता है। लम्‍बे समय तक फोन का रात में इस्‍तेमाल करने से दृष्टि पर प्रभाव पड़ता है। रात में फोन को इस्‍तेमाल करने से आपकी उसमें रूचि बढ़ जाती है और मेलाटोनिन नामक हारमोन का उत्‍पादन भी प्रभावित होता है जिससे नींद में कमी आ जाती है।

आपको जानकर शॉक लग सकता है कि देर रात तक फोन का इस्‍तेमाल कैंसर का कारण बन सकता है। क्‍योंकि शरीर में मेलाटोनिन कम बनने की वजह से एंटीऑक्‍सीडेंट तत्‍वों पर भी प्रभाव पड़ता है जिससे कैंसर होने का खतरा होता है।

जब आप ठीक से 7 या 8 घंटे की नींद नहीं लेते हैं, तो आपका दिमाग अगले दिन ठीक से काम नहीं करता है। इस बारे में सोचें कि जब आप इसे नियमित रूप से करेंगे तो क्या होगा। स्मार्टफोन के इस्तेमाल का दिमाग पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है।

रात में अंधेरे में लेटने और फोन चलाने से भी आंखों पर दबाव पड़ता है। कई बार आंखों के नीचे काले घेरे हो जाते हैं। दृष्टि हानि का खतरा भी बढ़ जाता है।

Related Articles

Back to top button